गैमीट इंट्राफैलोपियन ट्रांसफर (GIFT) क्या है?

गैमीट इंट्राफैलोपियन ट्रांसफर (GIFT) क्या है?

गैमीट इंट्राफैलोपियन ट्रांसफर (GIFT): विस्तृत जानकारी

गर्भधारण और बांझपन के संदर्भ में आज की जटिल चिकित्सा प्रौद्योगिकियों में से एक है गैमीट इंट्राफैलोपियन ट्रांसफर (GIFT) यह तकनीक उन दंपतियों के लिए एक संभावित समाधान है, जो स्वाभाविक तरीके से गर्भधारण करने में असमर्थ हैं। यहां हम इस प्रक्रिया की गहराई में जाएंगे, इसके विभिन्न पहलुओं को समझेंगे, और इसे चुनने से पहले जिन कारकों पर विचार किया जाना चाहिए, उन पर चर्चा करेंगे।

GIFT क्या है और इसकी शुरुआत कैसे हुई?

गैमीट इंट्राफैलोपियन ट्रांसफर (GIFT) एक सहायक प्रजनन तकनीक (ART) है, जो पहली बार 1980 के दशक में विकसित की गई थी। इसका उद्देश्य उन दंपतियों की सहायता करना है, जिनके लिए प्राकृतिक गर्भधारण संभव नहीं है और जो IVF जैसी अन्य प्रक्रियाओं से संतुष्ट नहीं हैं। इस प्रक्रिया में, अंडाणु और शुक्राणु को लैप्रोस्कोपिक सर्जरी के माध्यम से महिला के फैलोपियन ट्यूब में स्थानांतरित किया जाता है, जहाँ निषेचन स्वाभाविक रूप से होता है।

GIFT प्रक्रिया कैसे काम करती है?

GIFT प्रक्रिया कई चरणों में पूरी होती है:

  1. ओव्यूलेशन प्रेरण (Ovulation Induction):
    • इस प्रक्रिया की शुरुआत महिला के अंडाशय को उत्तेजित करने से होती है। इसके लिए महिला को हार्मोनल दवाइयां दी जाती हैं, ताकि वह एक मासिक चक्र में एक से अधिक अंडाणु उत्पन्न कर सके।
    • अंडाशय में अंडाणुओं के परिपक्व होने के बाद, उन्हें पुनःप्राप्त करने के लिए सर्जरी की जाती है।
  2. अंडाणु और शुक्राणु का संग्रह (Egg and Sperm Collection):
    • जब अंडाणु परिपक्व हो जाते हैं, तो उन्हें एक सर्जिकल प्रक्रिया के माध्यम से पुनः प्राप्त किया जाता है जिसे ओव्यूलेशन कहा जाता है।
    • इस बीच, पुरुष साथी का शुक्राणु नमूना लिया जाता है और उसे प्रयोगशाला में तैयार किया जाता है ताकि वह अंडाणु के साथ निषेचन के लिए तैयार हो।
  3. लैप्रोस्कोपिक ट्रांसफर (Laparoscopic Transfer):
    • अंडाणु और शुक्राणु को मिलाकर एक पतली नलिका (कैथेटर) में रखा जाता है।
    • इसके बाद, लैप्रोस्कोपिक सर्जरी का उपयोग करके, इस कैथेटर को महिला के फैलोपियन ट्यूब में स्थानांतरित किया जाता है, जहाँ निषेचन की प्रक्रिया स्वाभाविक रूप से होती है।
  4. निगरानी (Monitoring):
    • गैमीट ट्रांसफर के बाद, महिला को कुछ समय तक निगरानी में रखा जाता है ताकि यह देखा जा सके कि निषेचन और गर्भधारण की प्रक्रिया सही तरीके से हो रही है या नहीं।

GIFT प्रक्रिया के लिए कौन उपयुक्त है?

GIFT प्रक्रिया सभी दंपतियों के लिए उपयुक्त नहीं हो सकती। यह तकनीक उन दंपतियों के लिए सबसे प्रभावी है:

  • जिनके पास कम से कम एक कार्यशील फैलोपियन ट्यूब हो: इस प्रक्रिया के लिए कम से कम एक फैलोपियन ट्यूब का सामान्य रूप से कार्य करना आवश्यक है, क्योंकि निषेचन उसी के भीतर होता है।
  • अस्पष्टीकृत बांझपन वाले दंपति: जिन दंपतियों में बांझपन का कारण अज्ञात होता है, उनके लिए GIFT एक प्रभावी विकल्प हो सकता है।
  • जिनके लिए IVF विफल हो चुका हो: यदि इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) जैसी प्रक्रियाएं सफल नहीं होती हैं, तो GIFT पर विचार किया जा सकता है।
  • धार्मिक या नैतिक कारणों से: कुछ दंपतियों के लिए, IVF से जुड़ी नैतिक और धार्मिक चिंताओं के कारण GIFT एक बेहतर विकल्प हो सकता है, क्योंकि इसमें निषेचन शरीर के भीतर ही होता है।

GIFT के फायदे और सीमाएँ

फायदे:

  1. प्राकृतिक निषेचन: चूंकि निषेचन शरीर के भीतर होता है, यह अधिक स्वाभाविक अनुभव प्रदान करता है।
  2. उच्च सफलता दर: कुछ मामलों में, यह प्रक्रिया अन्य तकनीकों की तुलना में अधिक सफल हो सकती है, विशेषकर जब महिला की फैलोपियन ट्यूब्स ठीक से काम कर रही हों।
  3. नैतिक संतुष्टि: कई दंपतियों के लिए, GIFT नैतिक रूप से अधिक स्वीकार्य हो सकती है क्योंकि इसमें निषेचन प्रयोगशाला में नहीं होता।

सीमाएँ:

  1. सर्जरी के जोखिम: लैप्रोस्कोपिक सर्जरी के कारण संक्रमण, रक्तस्राव, या अन्य जटिलताओं का जोखिम हो सकता है।
  2. सफलता की अनिश्चितता: यह प्रक्रिया हर दंपति के लिए सफल नहीं होती, और गर्भधारण की दर अपेक्षाकृत कम हो सकती है।
  3. जुड़वा या अधिक बच्चों का खतरा: कई अंडाणुओं का उपयोग करने के कारण जुड़वा या अधिक बच्चों का जन्म हो सकता है, जो जटिलताएँ पैदा कर सकता है।

GIFT के बाद की देखभाल और निगरानी

GIFT प्रक्रिया के बाद, महिला को डॉक्टर द्वारा सलाह दी जाती है कि वह कुछ दिनों तक आराम करे। इसके अलावा, डॉक्टर नियमित रूप से महिला की स्थिति की निगरानी करते हैं और यह सुनिश्चित करते हैं कि निषेचन और गर्भधारण की प्रक्रिया सही तरीके से हो रही है।

  • पहले कुछ हफ्ते: महिला को डॉक्टर से नियमित जाँच करानी चाहिए ताकि गर्भावस्था की स्थिति को ट्रैक किया जा सके।
  • गर्भावस्था परीक्षण: प्रक्रिया के दो सप्ताह बाद, गर्भावस्था का परीक्षण किया जाता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि निषेचन सफल रहा है।
  • असफलता के मामले में: अगर गर्भधारण नहीं होता है, तो दंपति को अन्य विकल्पों पर विचार करने की सलाह दी जा सकती है।

निष्कर्ष

गैमीट इंट्राफैलोपियन ट्रांसफर (GIFT) उन दंपतियों के लिए एक महत्वपूर्ण सहायक प्रजनन तकनीक है जो गर्भधारण में कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं। यह विधि उन दंपतियों के लिए विशेष रूप से प्रभावी हो सकती है जो प्राकृतिक निषेचन के करीब रहना चाहते हैं। हालांकि, GIFT प्रक्रिया को अपनाने से पहले दंपतियों को सभी संभावित लाभ, जोखिम और सीमाओं को ध्यान में रखते हुए विशेषज्ञ चिकित्सक से परामर्श करना आवश्यक है।

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